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Lab Pe Naat E Pak
V.A
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
लब पर नाते पाक का नगमा कल्बी था और आती है।
लब पर नाते पाक का नगमा कल्बी था और आती है।
मेरे नभी से मेरा रिष्टा कल्बी था और आती है।
मेरे नभी से मेरा रिष्टा कल्बी था और आती है।
पस्त वो कैसे हो सकता है।
जिसको हक ने बुलंद किया।
पस्त वो कैसे हो सकता है।
जिसको हक ने बुलंद किया।
दोनो जहान मे उनका चर्चा कल्बी था और आती है।
दोनो जहान मे उनका चर्चा कल्बी था और आती है।
दोनो जहान मे उनका चर्चा कल्बी था और आती है।
दोनो जहान मे उनका चर्चा कल्बी था और आती है।
और किसी जानिब क्यों जाए। और किसी को क्यों देखे।
और किसी जानिब क्यों जाए। और किसी को क्यों देखे।
अपना सब कुछ गुम्बद खजरा।
कल्बी तार आदि है।
अपना सब कुछ गुम्बद खजरा।
कल्बी तार आदि है।
फिक्र नहीं है।
हमका कुछ भी नहीं है।
दुख की दूप कड़ी तो क्या, फिक्र नहीं है हमको कुछ भी।
दुख की दूप कड़ी तो क्या, हम पर उनके फजल का साया, कल भी था और आदि है।
हम पर उनके फजल का साया, कल भी था और आदि है।
हम पर उनके फजल का साया, कल भी था और आदि है।
कल भी थार आदिये
बतलाद गुस्ताः खेल नभीकों
घैरत मुसलिम जिन्दा है
बतलाद गुस्ताः खेल नभीकों
घैरत मुसलिम जिन्दा है
दीन पे मर मिटने का जजबा
कल भी थार आदिये
दीन पे मर मिटने का जजबा
कल भी थार आदिये
तै करते हैं नाम से उम्के
तै करते हैं नाम से उम्के
दश्ते हयात की हर मन्जिली
तै करते हैं नाम से उम्के
दश्ते हयात की हर मन्जिली
दश्ते हयात की हर मिटने का जजबा
कल भी थार आदिये
आश्यों को उम्का सहारा
कल भी थार आदिये
जिन आखों ने तैपा देखा, वो आखे बेताब है फिर।
जिन आखों ने तैपा देखा, वो आखे बेताब है फिर।
उन आखों में एक तकाजा, कल भी देखा।
उन आखों में एक तकाजा, कल भी देखा।
लब पर नाते पाक का नगमा, कल भी देखा।
लब पर नाते पाक का नगमा, कल भी देखा।
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V.A
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