देखी लेतो हैं ता लगे बढ़ी डरवा हो
पीछे रही में जब करेला मा डरवा हो
कट डराई फलना आई दहरा बुजजाँ
तया ही रान जी से
दिलावा
काना गई बूई जाँ
लावः बन मले बाड़ू आही डान के
तवो पदवा कही कादेलो जान के
ते लाइथ पसान्द गुंडा करा दिये जाँ
तया ही रान जी से दिलावा काना गई बूई जाँ
मारे
आमारे के आदत हमार है चल रंग दाली मुझ जानत सहर है
अरे माबेल पुरा सहर कापिलन
पित दिदे गया सुनागिया ओमेश यदो जहनी बना बादमाश
काके रंग बाजीन दोहरा बूई जाँ
तया ही
रान जी से दिलावा काना गई बूई जाँ
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