जैन दिल को एक पल नहीं है कुछ ढूंडता चला जाए
कौन हूँ मैं क्यों जी रहा हूँ ये सोचता चला जाए
खुद को भूल ना चाओ मैं कहीं सिंदगी कैसे शोर में
क्यों दर बदर फिरू खुद की खोज में ना पता के मेरा आशिया है कहा
ढूंडता चला जाए कुछ ढूंडता चला जाए
कौन हूँ मैं क्यों जी रहा हूँ ये सोचता चला जाए
जी रहा हूँ जिसके लिए उसे ढूंडता चला जाए
रास्ता है एक तेरी ओड़ का कीचता चला जाए
इस चहां से आगे जहां उसे ढूंडता चला जाए
लापता हूँ दिल परेशा है घर में रहो जान कहां है
सिंदगी भी सर्द भी रहा है घर में रहो कोई बत लाने जान ने कहां है
खुद को बूलना चाहूँ मैं कहीं सिंदगी कैसे शोर में
क्यूं दर बादर फिरूँ खुद की खोज में ना पता के मेरा आशिया है कहां
ढूंडता चला जाए
कुछ ढूंडा
ढूंढता चला जाए
ढूंढता चला जाए
कुछ ढूंढता चला जाए
जब लिया कदम तेरी ओर को
रास्ता नजर आया
ना गया था कोई जहाँ
वहाँ आशिया नजर आया
इश्क नहीं चुराया
मसब मेरा खुद मैं
तुझको जो पाया
आँख जो खुली नीद से
मेरी राज अब समझ आया
एक तरफ है
काफला सा राह
एक तरफ है
दिल की राहे तनहा जाना
क्या करूँ
मैं किस तरफ
जाना
चार दिनों का खाब हगर
ये क्यों घवराना
खुद को भूल ना जाओ
मैं कहीं संदगी कैसे
सोर में
क्यों तरबा तर फिर हूँ
खुद की खोज में
ना पका के मिरा आशिया है कहा
ढूंढता चला जाये
कुछ ढूंढता चला जाये
ढूंढता चला जाये
ढूंढता चला जाये
कुछ ढूंढता चला जाये
जैन दिल को एक पुल नहीं है
कुछ ढूंडता चला जाए
कौन हूँ मैं क्यों जी रहा हूँ
ये सोचता चला जाए
खुद को बूल ना चाओ मैं कहीं
जिन्दगी कैसे शोर में
क्यूं दर बदर फिरू खुद की खोज में
ना पता के मेरा आशिया है कहा
ढूंडता चला जाए
कुछ ढूंढता चला जाए