मन की बत्तिया लिखने बैठे
जल गई ये देवान
बेरन लट क्या तोड़ सकेगी
मेरा मेरा साथरे लट जी सुझा जार बालम
मैं ना लगाँगी हाथरे
चांद से मुखले को नागेन जुल्फे
चाहे दसे सारी रात तरे
लट जी सुझा जार बालम
मैं ना लगाँगी हाथरे चांद से
मुखले को नागेन जुल्फे
चाहे दसे सारी रात तरे
लट जी सुझा जार बालम
पहले हम को छेड़ रही थी
जुल्फे हाँ मस्तानी
पहले हम को छेड़ रही थी
जुल्फे हाँ मस्तानी
मन की बत्या लिख बैसी
मन की बत्या लिख बैसी
जल गई ये दीवानी
पेरन लट क्या तोड़ सकेगी
तेरा तेरा सांथ रे
बत खुली जी सुझा जार बालम
मैना लगा विहां दिरे
चान से मुख रखु लागे निजल पे
चाहें दसे सारी राद दिरे
तेरा तेरा सांथ रे बालम