खाब में
देखा था तुम कहे रात दिन
आज कहता हूं मैं
रूब रूब
जीना सकूंगा मैं तेरे भिन
जीना सकूंगा मैं तेरे भिन
माहिया
आज ना
दूर जा
तेरे लिए ही मैंने काटे हैं गिन गिन
हर एक लम्हा, हर एक पल छिन
माहिया
आज ना
दूर जा
ओ माहिया
आज ना दूर जा
मिलने से पहले ऐसास ना थे ना थे खुशे कोई घम ही नहीं था
मोसंब नहीं था
हरी भस्ती कमी
तरे लिये मैंने
काटे हैं गिन गिन
हरी की लम्हा, हरी की पल छिन
माहिया
आजाना
ना दूर जाओ
माहिया
आजाना
ना दूर जाओ
ना दूर जाओ माहिया
आजाना ना दूर जाओ