वक्र दुन्ड महा काय सुझ कोटी समप्रभा
दिर्भिग नम्पुल में देने वक्र
शर्व का जिये शुशर वडा
मैं मनावा
मैं मनावा
मैं मनावा
मैं मनावा
मैं मनावा
मैं मनावा
लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़
लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़
लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़ लाड़
कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो
उस नोही में हुआ है कि में अ Vadhव मैं चाहते कि यह खालतु तुम्हों इन दांते कि गए सेzet
है अभी साहन ही गणेश अर्थना बचना जो सबफूर हो था
सब्सक्राइब
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कि भोपू जी पहले तुमको प्रणाम किसी का कहना है कि भोपू जी तुमको प्रणाम और घर की दीवी से भी ज्यादा
उससे हम को प्रेम इसलिए भागिया बोझी को थोड़ा अच्छा रखो आप सुनाओ पे मनावा मेरे मानते आई लेगा आफ आफ थे
अजय को बढ़ाने में को अखिर बढ़ाना है कि आई लाना बढ़े मेरे मेरे में
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व आज
एम्सेसेस्टनिक
एम्सेस्टनिक
मैं मनावा, मैं मनावा, मैं मनावा, मैं मनावा, मैं मनावा, मैं मनावा, मैं मनावा, मैं मनावा पहला लाड लागने
और मेरे गणराज
सबके दाता हो तुम, आग भी आता हो तुम
जिनकी प्रधम लाग
जिनकी प्रधम लाग होता है
उरण सुधर जाता है
जो भी बिल्डा का होता है
सबके दाता हो तुम, आग भी आता हो तुम
सबके दाता हो तुम, आग भी आता हो तुम
सारी दुनिया तुम्हे मनाती है
सारी दुनिया तुम्हे मनाती है
चर्णों में सीस जुकाती है
मैं बनावा
भी मनावा बाहरा, भी मनावा भी मनावा
मेरी बनावा पहता, भी मनावा भेषणा
लाड़ बाहरा लाड़ बाहरा
मैं बनावा ब्याहरो लाभित बाहर
मारी बागर लाड़ बाहरा
मारी बागर लाड़ बाहरा
नाडे लाडे, नाडे लाडे, नाडे लाडे, गळ позनो
यहाँ विली गई जाते हैं गदवानी
बंच नहीं मिलभा रहा है आ आंडै
दोर् सुबह
मोरिया
हलो