बुर्धं नमामि धम्मं नमामि संघं नमामि
भीमराज की वाणी सत्हे उद्धक पथही मंगल पथहे
भीमराज की वाणी सत्हे उद्धक पथही मंगल पथहे
खाने अपना और नजाए कामिरे सावुना
खाने अपना और नजाए कामिरे सावुना
कामिरे सावुना
उद्धक नाम से गून्ज उठे इस देश का कोणा कोणा
उद्धं नमामि धम्मं नमामि संघं नमामि
अधन्यमावि धम्मन्यमावि शंपन्यमावि
इस दर्धी का मानव हमने देखा सदियों सदियों में
ये बह्ता ही चाता रहा है अन्दश्रद्ध की नदियों में
अन्दश्रद्ध से इसको अपना पड़ा है सब कुछ खोना
अन्दश्रद्ध से इसको अपना पड़ा है सब कुछ खोना
पड़ा है सब कुछ खोना
पुत्र के नाम से बूत रुखे इस देश का खोना गोना
पुत्र के नाम से बूत रुखे इस देश का खोना गोना
पुर्धन्नमावि धंवन्नमावि संधन्नमावि
पुर्धन्नमावि धंवन्नमावि संधन्नमावि
जितने भी अग्यानी लोग हैं उनको सजग बनाना है
उनको सजग बनाना है
इन सारे बगला भक्तो से सबको अलग बनाना है
सबके अंदर सत्य धं का बीज है हमको बोना
सबके अंदर सत्य धं का बीज है हमको बोना
बीज है हमको बोना
पुत्र के नाम से
पुत्र के नाम से बूते इस देश का बोना बोना।
पुत्र के नाम से बूते इस देश का बोना बोना।
पुत्र के नाम से बूते इस देश का बोना बोना।
पुत्र के नाम से बूते इस देश का बोना बोना।
पुत्र के नाम से बूते इस देश का बोना बोना।
पुत्र के नाम से बूते इस देश का बोना बोना।
पुत्र के नाम से बूते इस देश का बोना बोना।
पुत्र के नाम से बूते इस देश का बोना बोना।
पुर्भन्नवावि धंवन्नवावि सर्वन्नवावि
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