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Mehari Ke Gulam
Shivani Singh
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Lyrics
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जग में बिरोध जे कोहिले बहु
ओ कर गती पहती भोही ले बहु
जग में बिरोध जे कोहिले बहु
ओ कर गती पहती भोही ले बहु
जान जान जोपत रही हो सुबसाँ
सब सुख पही बहु जही बहु
जे राजा में हरी के गुलाम
आरे सब सुख पही बहु
हो जो ही बोजे राजा में हो दीके गुलाम
बनाईब खियाईब तुहार गुड़व हो दाबाईब
कोनो ना हो खेदे हो कमी पिया
करब ना गलती ना ही चलती चलाईब
खाई कसम हम महमी पिया
आबाना इब खियाईब तुहार गुड़व हो दाबाईब
कोनो ना हो खेदे हो कमी पिया
करब ना गलती ना ही चलती चलाईब
खाई कसम हम महमी पिया
सासु के सोजा ना कोड़ी
सभा सुखा पही बहो जही बहे राजा में हरी के गुलाम
प्रिंश प्रियो दर्सी सुखी तोरा जस कोई रहिना एह संसार में
दिल से सीवानी करी है सेवादारी रखी है डूबाई अपना प्यार में
आरे प्रिंश प्रियो दर्सी सुखी तोरा जस कोई रहिना एह संसार में
दिल से सिवानी करिहे सेवादारी रखिहे डुबाई अपना प्यार में
सुन अपना बात होई बुरान जान सब हा सुखा पही बहो जही बहे राजा में हरी के गुलाम
झाल
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Artist
Shivani Singh
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