हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहा दम था
हमारी किस्ती थी वहां डूबी जहां पानी कम था
अजय को अजय को अजय को
अजय को अजय को
अवे मरी जनूडी थोडो थोडो पीवन दे मत बर जे मरी जनूडी
अवे मरी जनूडी थोडो पीवन दे मत बर जे मरी जनूडी
तारुडा सू गम कम को नी ओवे एमरा चन्दूडा
तारुडा सू गम कम को नी ओवे एमरा चुन्दूडा
यो तारु जिनकी जुनूर करटो जावे एमरा चुन्दूडा
तारुडा भी नहीं लगे ये तारुडा रोग को ये डो लगे ये रे
जीवन अपनों पावनों जनों इक दिन सबने जावनों
जीवन अपनों पावनों जनों इक दिन सबने जावनों
इन अती जाती जिन्दगी रोगाई सोचे मरी जनूरी
थोड़ो थोड़ो पीवन दे मत बर जे मरी जनूडी
मत रख हमसे वफा की उमीद ए सनम हमने हर दम बेवफाई पाई है
मत ढूंड हमारे जिस्म पे जक्म के निशान हमने हर चोट दिल पे खाई है
मत रख हमसे वफा की उमीद ए सनम हमने हर जक्म के निशान हमने हर चोट दिल पे खाई है
मत रख हमसे वफा की उमीद ए सनम हमने हर चोट दिल पे खाई है
मत बर जे मरी जनूडी थोड़ो थोड़ो पीवने दे मत बर जे मरी जनूडी
मत रख हमसे वफा की उमीद ए सनम हमने हर चोट दिल पे खाई है