बोलिये बाबा मोहनराम की
जैहू
बोल काली खोली दहाम की
जैहू
अरे किस कारण गए शान चुपाके
मिरे
बाबा मोहनराम रहमन अपनी
जिन्दगी कर दई तुम्हारे नाम
उस बाबा की जैहू बोल काली खोली दहाम की जैहू अरे किस कारण गए शान
चुपाके मिरे बाबा मोहनराम रहमन अपनी जिन्दगी कर दई तुम्हारे नाम
उस बाबा की जैहू बोल काली खोली धाम की जैहू पर देखा तुम्हारे नाम
पर देखा तुम्हारे नाम उस बाबा मोहनराम रहमन अपनी
जिन्दगी कर दई तुम्हारे नाम उस बाबा की जैहू
चाहे जिन्दगी पूरी हो जा
तेरे द्वारे से न जाऊँ
तेरे द्वारे से न जाऊँ
तेरे द्वारे से न जाऊँ
मेरे मने मैं यही आवे मैं यही
समाधी लाऊँ
मैं यही समाधी लाऊँ
मैं यही समाधी लाऊँ
कब आओ के काथी फेरा
हैं मिशिंग भाती कब होगा मेरी
उलज़न कानी में तेरा
मेरे मने
अपनी जिनगी कर गई तुम्हारे नाम