भूत ब्रेत संग लिये भोल और मिठंग लिये
माता पार्वती ओ यान मर्णे ओ मंग लिये
मात पे भभूत लिये रूप आद्र भूत लिये चल लिये
हैं बोले नाथ देवों का दूत लिये अर्हर्माद
देखो तो जरा देखो तो क्या गजब का
नजारा है चाया
तीनो लोक में गूझे हैं ओम नमा सिवाया
ये दुनिया सारी
ये दुनिया सारी
करोडों में निकली है भूतों की टोली
लेके बाभूद सब खेल रहे होली
पुष्पों की हो रही बरसा
मंद मंद मुस्कार है सिव जी
यही रामेश्वर यही ब्रमेश्वर
यही तो है त्रीपुरारी
वोले की निकली सवारी है मागन मस्त ये दुनिया सारी