मेरी बात मान जापार बती मेरा रूप देख डर जावेगी
मेरी बात मान जापार बती मेरा रूप देख डर जावेगी
जब प्यार किया तो डर कैसा गौरा तेरे संगी ही प्यावेगी
मेरी बात मान जा पारवती मेरा रूप देखे डर जावेगी
मेरे गले में नाग पड़े जहरी और लत्ते कपड़े कात नहीं
तेरा भेस मेरे मन को भाया अब चहिए कुछ भी नात नहीं
मेरे गले में नाग पड़े जहरी और लत्ते कपड़े कात नहीं
तेरा भेस मेरे मन को भाया अब चहिए कुछ भी नाथ नहीं
मेरे भूत प्रेत भी साथ नहें क्या उनके संग नह पावेगी
मेरी बात मान जा पारवती मेरा रूप देखे डर जावेगी
सरती गर्मी बरसातों में खुले में रहना पड़ जागा
मैं खुसी खुसी सब सह लूगी मेरा जीवन नाथ सुधर जागा
सरती गर्मी बरसातों में खुले में रहना पड़ जागा
मैं खुसी खुसी सब सह लूगी मेरा जीवन नाथ सुधर जागा
तुसी सब सहलूँगी मेरा जीवन ना तु सुधर जागा
मुझे भागी घोटनी पर जागी मुझे सुलपा बाज बतावेगी
मेरी बात मान जा पारवती मेरा रूप देखे डर जावेगी
मैं मान गया तू ना मानी कर ले जो मन में ठानी है
मुझे दाक्षि पिता से कह करके बिहा की त्यारी करवानी है
मैं मान गया तू ना मानी कर ले जो मन में ठानी है
मुझे दाक्षि पिता से कह करके
ब्याह की त्यारी करिवानी है
उस तमरी बिरेंदर की कबता रबिंदर के मन को भावेगी
तेरी बात मान जा पारवती मेरा रूप देखे डर जावेगी
जब प्यार किया तो डर कैसा हो
मेरी बात मान जा पारवती मेरा रूप देखे डर जावेगी
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