इन भर के काम से
थका और हारा है तो फिर
फुद गर्ज जहान से
किनारा चाहता है तो फिर
इन भर के काम से
थका और हारा है तो फिर
फुद गर्ज जहान से
किनारा चाहता है तो फिर
तो फिर इस दुनिया से दूर कही, जहाँ कोई भी शोर नहीं, वहाँ ना कोई अंधेरा है, चारो तरफ राशनी है
मेरी अपनी दुनिया है, इस दुनिया से जुदा, मेरी अपनी दुनिया है, तू भी आना वहाँ
मेरी अपनी दुनिया है, इस दुनिया से जुदा, मेरी अपनी दुनिया है, इस दुनिया से जुदा
अखिली दुनिया है तू भी आना बता
अखिली दुनिया
अखिली दुनिया
वहाँ न कोई अंधेरा है चारों तरफ राश्णी है
मेरी अपनी दुनिया है इस दुनिया से जिदा
मेरी अपनी दुनिया है तू भी आना वहाँ
मेरी अपनी दुनिया है तू भी आना वहाँ
मेरी अपनी दुनिया है इस दुनिया से जुदा
मेरी अपनी दुनिया है तू भी आना बता
मेरी अपनी दुनिया है जुदा