अलवबा मोहन राम की, बलकाली खाली धाम की
मोहन राम के दर्शन करने आई गूझरी
मोहन राम के दर्शन करने आई गूझरी
भीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूझरी
राय भीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूजरी
मोहन राम के दर्शन करने आई गूजरी
राय भीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूजरी
राय भीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूजरी
राय भीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूजरी
राय कमली वाले का बत कहा ठिकाणा से
और कोण दिशा कुजाएं हमें ना राहा सूजरी
राय भीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूजरी
राय भीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूजरी
राय भीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूजरी
नाम सुना बंसी वाले का जोत जलानी है
जोहड छाट के आप जे लहरी भर के लानी है
बड़ी दूर से आई हम मनाने दूजरी
बीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूजरी
दूणे की देखे पर कम्मा देखे हम सारी
सारे जगत में मोहन राम का शोर घणा भारी
सारे जगत में मोहन राम का शोर घणा भारी
सारे जगत में मोहन राम का शोर घणा भारी
सारे जगत में मोहन राम का शोर घणा भारी
और कहीं ना जाना मोहन कर लिया चूजरी
रा भीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूजरी
वो सारे संकत कटा करे जो मोहन मनावे से
नरेशन को सिक्खेडी वाला भजन बनावे से
अरेंडर नागर जो गावे छप जावे न्यूजरी
हाँ
रा भीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूजरी
ओ मोहन राम के दर्शन करने आई गूजरी
रा भीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूजरी
रा भीवाडी के पुल पे खड़ी रस्ता बूजरी