मुस्तफा आपके जैसा कोई आया ही नहीं
मुस्तफा आपके जैसा कोई आया ही नहीं
अता भी कैसे जब लोग ने बनाया ही नहीं
अपने जब से नवा जा है या रसूल अल्ला
मैंने दामन किसी जब खट पे बिछाया ही नहीं
मैंने दामन किसी जब खट पे बिछाया ही नहीं
मुस्तफा आपके जैसा कोई आया ही नहीं
गमर में आपके जैसा कोई आया ही नहीं
कब्र में जब कहा सरकार ने ये मेरा है
पिर परिस्तों ने मुझे हाथ लगाया ही नहीं
मुस्तपा आपके जैसा कोई आया ही नहीं
लोट कर आ गया मां के से मदीना न गया
लोट कर आ गया
मां के से मदीना न गया
लोट कर आ गया मां के से मदीना न गया
कैसे जाता तुझे आकाने बुलाया ही नहीं
कैसे जाता तुझे आकाने बुलाया ही नहीं
मुस्तपा आपके जैसा कोई आया ही नहीं
आया ही नहीं आता भी कैसे जब अल्लाह ने बनाया ही नहीं