पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी
पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी
गुण्गा उनर सिंग जी तेरा मुझे चरणों में जगा दी
गुण्गा उनर सिंग जी तेरा मुझे चरणों में जगा दी
तूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
पत्वार्य के बिना ही मेरी नाम चल रही है।
पत्वार्य के बिना ही मेरी नाम चल रही है।
पिरिनाव चल रही है। हैरान है जमाना। पन्जिल भी मिल रही है।
धीरान जिन्दगी को तेरे खुश्बु से महका दी। तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
तुम साथ हो जो मेरे किस चीज के कमे है।
किसी और चीज के अब तरका।
रही नहीं है।
तुम साथ हो जो मेरे किस चीज के कमे है।
किसी और चीज के अब तरका।
रही नहीं है।
तुने गाँ तेरा हर गम।
ओ।
ओ।
तुने गाँ तेरा हर गम।
चो चरण में पना दी।
तुने पकड के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
औ।
ओ।
औ।
औ।
औ।
औ।
मैं तो नहीं हूँ काबिल तेरा मार कैसे पाऊँ
तूटी हुई वाणी से कुण गान कैसे गाऊँ
मैं तो नहीं हूँ काबिल तेरा मार कैसे पाऊँ
तूटी हुई वाणी से कुण गान कैसे गाऊँ
मुझे जाने सबु जमाना
ओओओओओओओओओ
मुझे जाने सबु जमाना
तूने है वो वजा दी
तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी