हलो
हलो तन्नू
येस कहांपर है?
अक्चली मैंना वीर से मिलने आई थी कैफे में हूँ
यार उसके साथ तेरा फ्यूजर सही नहीं है तू समझ ना
आई नो यार बड़ चल छोड़ अक्चली मैं तुस
से बाद में बात करती हूँ वीर आ गया
तू नूर मेरी अक्छादा तेरे बिना सुभानी होनी
जे ना विक्के तू मैंने मेरे अक्छादा जिनमी है रहने
जद दू विख्या पहली वारी मैं तो दुनिया पुल
गया सारी मेरे कोल कुछ भी नहीं है जानीया
दुनिया तो दूर ले जाके तैनू रखला में हीर
वनाके तेरी एक खुश्वी ते वारू ये जहाँ
हाँ
जीवें जिनत्वीनू पाँजुरूरी मैं जिसम तो रूह है मेरी
मैंता सक्ने भी तेरे भी वेखा तोता मेंद भी लेले
तुने जो कह दिया उसे किस तरह बुलाओ
तुनोर मेरी अख्छादा तेरे बिना सुभानी होनी
जे ना विखे तु मैनो मेरे अख्छादा जिनमी है रें
जद विख्या पहली बारी मैं तो दुनिया पुल गया सारी
मेरे कोल कुछ भी नहीं है जानिया
नाम तरे देनाल ही मेरा नाम होगे
जान तरे वेनाल ही मेरी शाम होगे
जीवे जिन्दगी नू साँजरूरी मैं जिसम तु रूह है मेरी मैं
ता सप्ने भी तेरे ही वेखा तु ता नेंद भी ले लेई मेरी