तो फूल चुन्ने वाले तु खुद ही गुलाब है
फूलों से बढ़के बाग में तेरा शबाब है
अदात मुख्षुराये जा कयामते जगाये जा
जरा उधर भूनिक नजल ओ बेखबर को फितनगल
तडब रहा है एक दिल खसाये जा
अदात मुख्षुराये जा कयामते जगाये जा
अदात मुख्षुराये जा कयामते जगाये जा
जरा कभल कभल के कल, कमर में पढ़ रहे हैं बल, ये इन्तहाने इश्क है, दिलों को आजुमाये जा, अदाक मुख्पुराये जा, कयामतें जगाये जा
अदाक मुख्पुराये जा, कयामतें जगाये जा
ये अरज है हजूर से, ना दे को यू गरूर से, गरूर तो फरेब है, फरेब को मिठाये जा
अदाक मुख्पुराये जा, कयामतें जगाये जा
अदात मुझ्बुराय जा, पयामते जगाय जा