ओ साइनात ओ साइनात
ओ साइनात ओ साइनात
पाऊं तेरे धरू मैं भी नये करू
माने लो साइबाबा मेरी बाज
ओ साइनात ओ साइनात
पाणी से आपने दीपु जलाए
जीवन का अन्धकार मिटाए
छोट लगे तो बैद बन जाके हो
कस्त तन मन का आप ही मिटाते हो
लागा तुमसे लगम मन हो गया मगम
कर दो
ना गया की बरसात
ओ साइनात ओ साइनात
ओ साइनात ओ साइनात
जिस जिसने तेरा नाम लिया है
उसके सरपे आपने हाथ रख दिया है
नाम कायमृत जिसने किया है
अपना जिवान खुस हाल वो किया है
सबका मालिक है तू
इस जिसने तेरा नाम लिया है
दादाता है तू तरसु करने को एक मुलखात।
ओ साइनात, ओ साइनात, ओ साइनात, ओ साइनात।