ओ जारे, जारे मन
ओ जारे, जारे मन
क्याँ हे ना भाय,
ना आय,
ना आय मोई चैन रे
ओ जारे, जारे मन
काहे दुख से नाता जोडे,
काहे सुख से नाता दोडे
मैं पिया, पिया, पिया कहत मैं हार गिरे
मेरी नीद चैन रेन सब तरे वाई मैं
तेरी आस में बसर बंजारी मैं
मोहलाज है नहीं क्यों फिर आगी रे
मुझे कहते है ये लोग तू है दुसरी जमीपर
तू आएगा लोटके ये आस है अभी पर
खरती हूं मैं जतन अंगना में बैठे सजन तुझे बुलाए तु ना आए,
काहे मोहे सताई रे,
ओ जारे,
जारे मन
ओ जारे, जारे मन
ओ जारे, जारे मन