बेगवा हमारे सोरिया दोहो
खाये खती मच्चोरी बना दोहो
बेगवा हमारे सोरिया दोहो
खाये खती मच्चोरी बना दोहो
काहे खातिर जो ही बो राजा दिली गुजरात में
काहे खातिर जो ही बो राजा दिली गुजरात में
कोलो पाठुं के दो कहान ओठा नामल डाइब
आया शल्मा
जद जाएगन राक्त बुक्स ख्रूट दिए थे
मैं यह कुछ कि
दूर घालाबा से बहारा ना है
हुआ है
और मैंने हियां डेखा न हैं तो आप लिए
रखना
हो मोरे ही हाथ देखा ना खोई दो पिया रात में
कोलो पाचुल के दो कहन हो चलावा जाई साथ में
अरे समझ होई जान मजबूरी ही हबा गैल कमाए ज़रूरी ही हबा
लाली बहली ना कलनो सिंहार चाही हो सम्हे राही बलम खाली प्यार चाही हो
सम्हे जले लु किर उठभित करें
सम्हे जले लु किर उठभित करें
। ज़िनगी का ठले हो कोवो नौह लाथ में।
। पोला पाचुन के दो खान ओ च लान जाए साथ में।