हो दी है
प्रश्वान जी के संगे होली खेला बना दादा
अरे इसने का हो
हाँ हूँ
रहने दाखा लका
नारी तो हाम
मचा देवता लका
अरे क्हाँ बुझाया
पूर बुझा ताने
पिछा कारी पसमन के बरीयार होला
मोका मिलते ही रहन के बवुचार होला
सुन तोरा से खोला मुखाला लका
पसमान जी के संगे होली खेला बना दादा
अरे दालेले कमया दगडेले जादा
पसमान जी के संगे होली खेला बना दादा
अरे दालेले कमया दगडेले जादा
रंगे दा चोली,
देखा ताने आज काओन सला बोली
हरे काओन मुली हमारे
सुना,
अमर बबु आशे रहे के बाब चुके
दर लागे लाडाल दी हुँ मच्चुके
सिन्तु बिहारते ना बदलाई राद
पसाभाँजी के संघे होली खेला मुना दादाया बेडा,
लेले कामया रगडेले जादा