लिलवे पवन सिंगे लिलवे
जोहिया से पईलू हम आउगा भातार के
काहे भूला गईलू हम पावरे सतार के
सान हवे पवन भजा पूरी साना सार के
सोमे आना बोललू हम तनको विचार के
जोहिया तुम लिलवे पवन सिंगे लिलवे
बारे मुरा झाइल तु तबितरी से खिलबे
जोहिया से पईलू हम आउगा भातार के
काहे भूला गईलू हम पावरे सतार के
सान हवे पवन भजा पूरी साना सार के
सोमे आना बोललू हम तनको विचार के
जोहिया तुम लिलवे पवन सिंगे लिलवे
बाड़े मूरा जाएल तु तभी तरी से खिलबे
बाड़े मूरा जाएल तु तभी तरी से खिलबे
पवन सिंके लिलबे
बाड़े मूरा जाएल तु तभी तरी से खिलबे
जोहिया से पहिलु हा महुगा भतार के
कहे बुला बहिलु हा पावारे सतार के
सान हवे पवन भजा पुरि साना सार के
सोमया ना बोललू हा तनको विचार के
जोहिया तु मिलो
पवन सिंके लिलबे बाडे मूरा जाइल तु तभी तरी से खिलबे
पवन सिंके लिलबे धेरे दिने टीकेला ना केहु के गुमानरे
काहे पवन भोईया के कोईले आपा मानरे सुनाले तु बतिया अनुले
यपनी से केके भसतारे गोलू मिथले से तोके देके के
जहिया तू खिलबे पवन सिंके लिलबे
बाडे मूरा जाइल तु तभी तरी से खिलबे
जहिया से पाईलु हा महुगा भतारे के काहे भुला भाईलु हा पाउरे सटारे के
शान हवे पवन भज तु दिने
परिशाना सारके सोमया ना बोललू हो तना को विचारके जो ही आतु मिलबे पवन सिंके लिलबे
बाडे मूरा जाइल तु तभी तरी से खिलबे