अपन का तो ढिरा था रंगीन बस्ती में दिन अपन के कटते थे बड़ी मोज मस्ती में
यह मैं तो आजाद उड़ती चिरईया एक दिन मिला तेरा छिंडे मार भाईया
फिर क्या हुआ बाबे?
क्या होगा? वही हुआ जो होना था
फंसाइली ओ दे फंसाइली ओ दे
हमने मुक्सा लगगाई टे
फंसाइली
हमने मुक्सा लगगाई टे
लियो रे हमें मस्का लगाई के उड़ाई लियो रे जिया चक्कर चलाई के भसाई लियो रे हमें मस्का लगाई के भसाई लियो रे हमें मस्का लगाई के
बोली सुरतियां पर मैं हूँ निर्ट्रू कितना भूला है देखो ना बोली सुरतियां पर मैं हूँ निर्ट्रू तब क्या कता का है बिवड़ा निचत्तो
लाया यहाँ नकली दुलहनिया बनाई के बसाई लियो रे
खसाई लियो रे अमें मस्ता लगाई के
खसाई लियो रे अमें मस्ता लगाई के
कावे को आए दे तुझको पसीना
कावे को आए दे तुझको पसीना
जूती कोई बात हम नहीं कहीना
तू भी फ़सेगा हमें इन पसाई के
पसाई लियो रे अमें मस्ता लगाई के
तू भी फ़सेगा हमें इन पसाई के
पसाई लियो रे अमें मस्ता लगाई के
तुझे हमें मस्ता लगाई के
दे के रुपईया दिया हम तो जानता
बोल सच है कि नहीं क्या
दे के रुपईया दिया हम तो जानता
बिंडिया नचाईगे बिंडिया चंपाईगे
बिंडिया नचाईगे बिंडिया चंपाईगे
फसाई लियो रे हमें मस्ता लगाई के
उड़ाई लियो रे जीया चक्कर चलाई के
फसाई लियो रे
हमें मक्सा लगाए के