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Pike Muwna Dudh Ke Mare Sakhi Budh Ke
Jawahar Permi,
Ajay Kartik Yadav
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
मारे लालोखी बोधेके
जब बहारते सन्या हुम रहे ले
नजाने कौन काजु किसी लिसु खोई ले
जब बहारते सन्या हुम रहे ले
नजाने कौन काजु किसी लिसु खोई ले
होते अनारे भूसे दुएरे
बीले सुख बोधेके
पिके सन्यें दूधेके
मरले बसोखी बोधेके
पिके सन्यें दूधेके
मारेल सक्षित बोधके
बनि गजन का दुदाय सक्षित
बिकि संया दूधके
दूधके
मारेल सक्षित बोधके
मारेल सक्षित बोधके
देखि उहम रखि गैल बगलाई
जबे तकु दिला सक्षित रोचो में हुराई
रोई अनारेहोकेला चारे
घर की कोनारे सुतिके
बिकि संया दूधके
मरले ब सक्षित बोधके
बिकि संया दूधके
मारेल सक्षित बोधके
बनि गजन का दूधके
लागे जवानी उकर भिये बाज़ारा, उकरा नज़ाधि आमे बाने सक्खिगरा
जियो हमार जर सक्खि जियो हमार जरा
लागे जवानी उकर भिये बाज़ारा, उकरा नज़ाधि आमे बाने सक्खिगरा
जियो हमार जर सक्खि जियो हमार जरा
प्रिमी जवाहो उचाई फरती, चोड़े न कोई भिजु धेते
पिके संयें दूधे के
मरले ब सोखी बोधके
पेके सन्या दोधके
मारेला सोखी बोधके
बोधी को जानको दायो सोखी
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Artist
Jawahar Permi
Ajay Kartik Yadav
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