किसमत ने मुझे उस उम्र में उदास किया है जिस उम्र में लोग अपने शोक पुरे करें
प्रच को तमीजी नहीं बात करने की जूट को देखो कितना मीठा बोलता है
एक हुनर है मुझे में चुप रहने का एक एब भी है मुँपे कह देने का
उठना बैठना किसी के भी साथ हो पर उचलना कुद के दम पर चाहिए
टोप की पाँच जगा बताओं जो की सर्द्यां गूमने के लिए बेश्टी
रखे जानू सुन रहे पी सही तर गया
आखिर वह दोस्त भी छूट गए ना जिनके साथ बच्चपन में गोवा घूमने का प्लान बनाया था
बुड़ापे तक साथ में चिल करने का प्लान बनाया था
हम खुश इसलिए भी रहते हैं क्योंकि कोई मनाने वाला नहीं है
कि कोई हसा गया, कोई रूला गया, नए साल का तो पता नहीं, पर बीता साल बहुत कुछ सिखा गया
सिंदगी इतना कुछ सिखा गयी, जिद करने की आदत सबर में बदल गयी
कास सडकों की तरह जिन्दगी के रातों पर भी लिखा होता
कि आगे खतरनाग मोड है जरा संभल कर
कोशिश करो कि दोगले लोगों से रिष्टा गहरा ना हो
ये दिखावे का प्यार करते हैं
और अपने राज जरा संभल कर बताना मेरे दोस्त
क्योंकि ये नाराज होने पर सिदा इच्छत पे वार करते हैं
कोशिश करते रहिए जनाब
अगर सफल हुए तो घरवाले खुश
और अगर ना हुए तो पड़ोसी
के नवे साल दी आमद आमदे
नवे साल दी आमद आमदे
अल्ला जाने के आज या साल होसी
कई संगी विचरसन संग्यां को लूँ
ते कईयां दा सांगुना दे नाल होसी
ते कई रोसन तकदील भी आँ फैसले नू
कईयां दे गर खुशियां दी तमाल होसी
और नवा यार बढ़ातां
दोजार पंजी वी
जी उमर भी पंजी साल होसी
पता नहीं कौन सी गणित होती है रिष्टों में
किसी के लिए कितना भी कर लो
आखिर में सब सुनने हो जाता है
तिना महंगा भी ना समझो कुछ को
हम गरीब लोग हैं
अक्सर महंगी चीजें फोड़ देते
पसंद ना पसंद का मुद्धा ही नहीं है
मसला मन का है और अब मन ही नहीं है
कोशिश करते रहिये जनाब
अगर सफल हुए तो घरवाले खुश
और अगर ना हुए तो पड़ोसी
काश तुमें पाने के लिए कोई चुनाव होता
मैं भासन के साथ साथ दंगे भी करवा दे
मरगरों मोस्रा टिक्टोक वाले दोकावा कला
आटो लाइक रना ओख सलू या कुई लाइक हो
क्या तरक्की बड़ी कुट्टी चीज अलाला
देख का लोगां का चिर्मराट सो लाग जाये
मेरी हर चाहतों का नुकसान हो गया
है रे मैंने एक सक्स को इतना चाहा कि वो परेशान हो गया