अपने मन मंदिर के अंदर जोत जगाने आये हैं
अपने मन मंदिर के अंदर जोत जगाने आये हैं
हम तो अपने रामसिया के दर्शन करने आये हैं
तन मन धन और सारा जीवन अरपण करने आये हैं
हम तो अपने रामसिया के दर्शन करने आये हैं
जैसिया राम राजा राम मेरे राम तेरे राम
मात पिता बन के हैं संभाला आपने ये मेरा जग सारा
पाप ने हमको घेर रखा है दूर करो सारा अंधियारा
लवकुष दुरुब की तरहा हमें भी ज्यान का पान कराके
मन में भक्ती दीप जलाकर तात करो उजियारा
नात करो उजियारा
पितरों को सियराम नाम जल तरपण करने आए हैं
हम तो अपने राम सिया के धर्शन करने आए हैं
तन मन धन और सारा जीवन अरपण करने आए हैं
हम तो अपने राम सिया के धर्शन करने आए हैं
जैसिया राम राजा राम मेरे राम तेरे राम
हम तो अपने अवधपुरी का धर्शन करने आए हैं
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