ओडिहा
बीचों ता फ़ग्वावा हा
मारो फ़ुआयो रुवाथा
गडबर बुझठाता
आइन मन भाता
अलगे दोड़ सरेके खाता
कौना मेझे जाता
पिल रोसं ता रूवु हो बलेंड़
माल मियंच बुझण
पिल रोसं ता रूवु हो बलेंड़
लगाता ता चेंड़
रंद सभावजी के दूनो सलेंड़
तो रंद सभावजी के दूनो सलेंड़
धामन तोरा संग्या के आपा वाला सारे
हले हाँ
नुदिबाई रोशं जुसीदा
हमारा जुला के गुला-गुला मारे ताना
सचो
ओकारा भारे खाले दो सरे कह जाना
ओहो परी दुखबा
बालटी में रौंग है
होली का उमांग है
डाले दाये भावजी
पिछीकारी का नटोन है
होली में चोली के केली ही डेंडर
रांग दो सा भावजी के दूनो सोलेंडर
रांग दो सा भावजी के दूनो सोलेंडर
रोहते सोझा संग्या
हो जाले रम वाईते
हानु
ये मता देवारो के आनी ठाला छोराईते
तो हम कहां जायते
भोरी में रंगा खोर दो पटक के जह जोर दो
होली में नया माल के
अरे चुमाले के छोर दो
छोरी है नया सोझाला उपेंडर
छोरी है नया सोझाला उपेंडर
राम दसा भावजी के दूनो सोलेंडर
राम दसा भावजी के दूनो सोलेंडर
अरे पटक के रुवर दसा