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Rondi Rahi Insaniat Insan Khilda Reh Gia
V.A
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
उठदिया कर नई नाम डसा
उठदिया कर नई नाम डसा
उठदिया कर नई नाम डसा
उठदिया कर नई नाम डसा
लारुन का ठगी
लारुन का ठगी
लारुन का ठगी
थाला रेत कु आपी सुधबोसी
थाला रेत कु आपी सुधबोसी
हत्ते पेरे कु अगलैवे दू
जेड़े तारे के जानी दग निखिलै
हु दग ते दग दगलै
जेड़े तारे के जानी दग निखिलै
हु दग ते दग दगलै
चकरे दे शाम फजर चरखा
चकरे दे शाम फजर चरखा
सदे सर चकरी
सदे सर चकरी
विलीज गेचरके वेची, साणी सीद सजै रङपून्या दे, साणे वाल विलीज गेचरके।
तक तक की ताँग्ध त्रकलेकू, साणे नैन पुवी।
जिगे चरके वेची,
हुवेले अर्शदान खडी, जले खाब कती, जिगे चरके वेची।
थल मौत दे मेणे क्यो ने दन, थल मौत दे मेणे क्यो ने दन, जाने यार।
थल घर मरना हा, थल मरना हा।
मैं जग दी भंड की झलनी, मैं तीर जुदै झल मरना।
मैं कुछ जान कदन दिया दू तलख्या।
मैं कुछ जान कदन दिया दू तलख्या।
मैं मरकदी वाल मरना हा।
आजकल वेच तारक फर्क ना कुई।
आज मरना हा, कल मरन॥
आजकलवेच तारक फर्क ना कुई।
आज मरना हा कल मरना
रोन्दी रही है इनसानियत इनसानि खिलेदा रहेगिया
आदमी दी सोचते आदमी दी सोचते हैवान खिलेदा रहेगिया
रोन्दी रही है इनसानियत इनसानि खिलेदा रहेगिया
हैं इनसानियते इनसानि खिल्दा रहेगिया
मैं कनूता वधिगिया ही तेरा बन्दा आई खुदा
मैं कनूता वधिगिया ही तेरा बन्दा आई खुदा
करके मुहु असमान डो शहतान खिल्दा रहेगिया
रोंदी रही है इनसान
इनसानियते इनसानि खिल्दा रहेगिया
लाई लाडा ले दिले बल
जुर्म दी बन्दू ले दिले बल

ला इला दाली दली बल चुर्म दी बन्दूख ते एजे देशत गर्द ते इमान खिलदा रहे गिया
रोंदी रही है इनसानियत इनसान खिलदा रहे गिया
रोंदी रही है इनसानियत इनसान खिलदा रहे गिया
मेडा माना छोडकी मानी दामाना कठीगी धोसो
मेडा माना छोडकी मानी दामाना कठीगी धोसो
अज दे मुल्ला दे उते कुर्वान खिल्दा रहे गिया
रोंदी रही है इनसानियत इनसान खिल्दा रहे गिया
बा अमल कई दोज की बे अमल जन्नती गिया
बा अमल कई दोज की बे अमल जन्नती गिया
नीता शाकर देखते दर्बान खिल्दा रहे गिया
रोंदी रही है इनसानियत इनसान खिल्दा रहे गिया
आदमी दी सोचते हैमान खिल्दा रहे गिया
रोंदी रही है इनसानियत इनसान खिल्दा रहे गिया
है इनसानियत इनसान खिलदा रहगियो
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V.A
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