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Samajhdar Kaise Bane Or Bevakoof
V.A
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
समझदारी सत्संग से आती है
कम से कम पाँच चोपाई रोज मानस की पढ़लो
दो चार इश्लोक गीता के पढ़लो
और राजनिती भी करना तो भी पढ़ो अध्यन को
मंच पर जब खड़े हो बोलने के लिए
कम से कम आधे घंटे के भाषण में दो तीन इश्लोक बोलो
दो चार चोपाई बोलो
कभीर पंथी इलाका है तो दो चार कभीर की दो है बोलो
तुम्हें चतुर बना दोना वे
कैसे भाषण करना है
और पचास कहानी भी याद रखो छोटी छोटी
वो भी बीचम लगा दो
भाषण का सरंगार कर दो
उपनिशत का भी एक मंत्र बोल दो
कोई कठिन नहीं है
अरे हम से ज़्यादा बुद्धिमान तुम सब लोग हैं
हम बुद्धिमान बुद्धिमान नहीं है
तुम्हारे पास हम से ज़्यादा बुद्धि है
अब हम हमारे पास तो कोई जनजाल है ही नहीं हम तो सब जालवाल तोड़-ताड़ के अलग और तुम तो नया-नया जनजाल रोज तैयार करते हैं
तुम जाल बनाने में बड़े हो स्यार हो
तुम पूर्व जनम के मकड़ी मकड़ा हो
रोज नया जाल बुनते हो उसी फसते हो
और दूसरों भी फसाते हो
अब इस जनम में तुम मनुष्य के रूप में पैदा हुई हो
लेकिन जाल बनाने की कलाब भी जारी है
ग्रहकारज नाना जंजाला तेयत दुर्गम सेल विशाना
शंत जीवन जीना बहुत आसान है
बहुत आसान है, बहुत सुख है, बड़ी निश्चंतता है, बड़ा आनन्द है
ग्रेश्टी का भार उठाना बहुत ही कठिन काम है
इसको प्रमानित करती है कि गृह का रह जी ना ना जन जाना महामंगल आर्थी पहुंचाइए शमापन की व्यक्ति दूरे कम
खोलते होंसमें हजारों आईटेम सपका रेट मालूम सबकी देट मालूम सम्मे कितना प्रफेट होता वह भी मालूम है
और हजारों सामान तुम याद राक्ते हो कौन कहां रखा है यह कोई कमबुद्धि कि हम तो कोई दुकान नहीं खोले हमें
कोई सामान याद करने नहीं पड़ता हमारे में तो जो इस लोग याद करो जिंदगी पर वही है बदले बदले
हैं तो ग्रेष्ट आश्रम बहुत मेहनत का आश्रम है इसलिए आपका मनोबल कभी कम नहीं हो सचसंग सुनते रहो भक्ति
प्रतिर क्योंकि यह बहुत बार है तुम पर यह साधरण नहीं है यह भार तयवहार बनना चाहिए
बाहर बनना चाहिए इस हार की बीच में तुमको होनहार होना चाहिए ताकि इस भार को उठा सको और सफलता का दौर खोल सको
ग्रह कारजेना ना जंजाला ते अतिदूरेगन सेल विशाला
शान सद को उपर लई आओ माई कदे कर कुछ सुनवाओ
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V.A
Uploaded byThe Orchard
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