समहाल तन डाला वो शूरीवाला
समहाल तन डाला वो शूरीवाला
संग की सहेली जूती हम जोली
देखी देखी सखी सब बोले तु बोली
जिया सर माला वो शूरीवाला
धीरे धीरे मत मसका कलाजी
गाल गुलाबी यधर मुरुधाजी
जरा सा बुझाला वो शूरीवाला
लाल हरी पीली सफेद और नीली
सबरंग मिली पड़े नहीं धीली
धीरे से सरकाला वो शूरीवाला
बाके बुलम जब देखी हैं भी हस के
गरवा लगई हैं से जरीया पर हस के
गलाई समहाला वो शूरीवाला
लाल ता बेदरदी दरदी ओ ना जाने
राम रूप मुणी लाल हस के बखाने
है पंसी निराला वो शूरीवाला
लाल ता बेदरदी दरदी ओ ना जाने