सब समझ कर कुछ वो समझा भी नहीं, है मगर अंजान इतना भी नहीं, लोट कर शायद वो आ जाए इधर, वो जो इस रस्ते से गुज़रा भी नहीं।
याद वो आया बिछड कर जिस कदर इतना मैंने उसको चाहा भी नहीं।
शनासा कोई भी छहरा नहीं था, मैं तन्हा था, नहीं येसा नहीं था।
शनासा कोई भी छहरा नहीं था, मैं तन्हा था, नहीं येसा नहीं था।
शनासा कोई भी छहरा नहीं था, मैं तन्हा था, नहीं येसा नहीं था।
शनासा कोई भी चेहरा नहीं था
मैं तन्हा था नहीं ऐसा नहीं था
शनासा कोई भी चेहरा नहीं था
शनासा कोई भी चेहरा नहीं था
मैं तन्हा था नहीं ऐसा नहीं ऐसा नहीं था
शनासा कोई भी चेहरा नहीं था
शनासा कोई भी चेहरा नहीं था
ताजब है कि खुद मुझको भी अब तक
शिकस्ते दिल का अंदाजा नहीं था
शनासा कोई भी चेहरा नहीं था
शिकस्ते दिल का अंदाजा नहीं था
शिकस्ते दिल का अंदाजा नहीं था
शनासा कोई भी चेहरा नहीं था
मैं हूं अशफाक एक ऐसी कहानी
मैं हूं अशफाक एक ऐसी कहानी
मैं हूं अशफाक एक ऐसी कहानी
किसी ने भी जिसे सोचा नहीं
शनासा कोई भी चेहरा नहीं था
मैं तन्हा था नहीं ऐसा नहीं था
शनासा कोई भी चेहरा नहीं था