शिव बोला प्रसुराम प्यारा
आडा बल मेठा टन्यारा
कर दर्शन, कर दर्शन, कर दर्शन पाप मिटा जोरे
शिव बोला ने ध्या जोरे
शिव बोला प्रसुराम प्यारा
आडा बल मेठा टन्यारा
कर दर्शन, कर दर्शन, कर दर्शन पाप मिटा जोरे
शिव बोला ने ध्या जोरे
कर दर्शन, कर दर्शन पाप मिटा जोरे
शिव बोला ने ध्याजो बेठा मंगरा ओ परेजी
बेठा मंगरा ओ परेजी पाणी का जर ना जरेजी
जिन जड़की जड़की जड़की धारनी रख जो रे शिव बोला ने ध्याजो रे
शांचा मन सो ध्यान धरेजी वांकापल में काज सरेजी
अनधन का अनधन का अनधन का भंडार भरा जो रे शिव बोला ने ध्याजो रे
जटा मुखट अई लिप्ट्यो आंगा जटा मुखट अई लिप्ट्यो आंगा
जटा मुखट अई लिप्ट्यो आंगा जटा मुखट अई लिप्ट्यो आंगा
शिव बोला ने जा जो रे
कर्म दू�ливо करें जी कोड़ दलीद दूदर करें जी डूख डलीद दूदर करें जी खोड़ी आखरा
खोड़ करें जी खोड़ें किया कोड़ जरें जी बार्जण की बार्जण की बंज मिठाओ और पालों को मशांतियों to
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कोड़ा ने ध्याजो दास का नूड़ो बजन सुनावे
हिर्ष रोसं जी शाज बजावे
माताकी, माताकी, माताकी के सिट लाजो रे
शिव बोला ने ध्याजो रे
माताकी के सिट लाजो रे
शिव बोला ने ध्याजो रे
माताकी के सिट लाजो रे
शिव बोला ने ध्याजो रे
क्या जोरे