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Shor-gul
Swanand Kirkire,
Ujjwal Kashyap
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
शोरगुल नहीं होगा
मैं हुंगी तू होगा और होगा खामोश आस्माँ
शोरगुल नहीं होगा नहीं होगा मेरी जान
मैं हुंगी तू होगा और होगा खामोश आस्माँ
मन ही मन में बुद् बुदाती
एक नदी से बहा करें
अन्जानी धुन गुन गुनाती आती जाती हमा रहेगी
तेरी धड़कन क्या कहती है सुनूँगी तेरे सीने पे रखके कान
मैं हूँगी तू होगा और होगा खामोश आसुमान
शोर वो नहीं होगा
तेरी उंगलियों में गूथ लूँगी उंगलियां मेरी
तुझे के सुओं से ढख करके मैं कर लूँगी रात गहरी
तेरी उंगलियों
मैं गूथ लूँगी उंगलियां मेरी
तुझे के सुओं में ढख करके मैं कर लूँगी रात गहरी
फिर सर को चुका के हॉले से मैं चूम लूँगी चान
मैं हूँगी तू होगा और होगा खामोश आसुमान
शोर हो नहीं होगा
मैं होंगी तू होगा और होगा खामोश आत्मा
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Artist
Swanand Kirkire
Ujjwal Kashyap
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