Nhạc sĩ: Traditional
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कि श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय राम श्री राम जय राम श्री राम जय राम श्री राम
श्री हन्मान जी की बंदना का यह सबसे सरल
और संसार का हनुमत बंदना का
सबसे कठिन
श्लोक अतुलित वलधाम अथाह वल के स्वामी श्री हनुवान जी हनुवान जी के वल की कोई सीमा नहीं थी
सुन्दर कांड में आप ध्यान से सुने जिस समय श्री हनुवान जी सौजोजन का सागर पार करने के लिए जा रहे हैं
तो उनका वेग देखिए
ले तुरंता चले उसो गा पाता
ले तुरंता चले उसो गा पाता
ले तुरंता चले उसो गा पाता
ले तुरंता चले उसो गा पाता
श्री हनुवान जी सोजोजन का सागर जब पार कर रहे थे
जिस परवत पर श्री हनुवान जी के चरण पड़ते
वह परवत पाथाल में चला जा रहा
हनुवान जी का बल आप कल्पना करिए
कि क्या उसी वेग से श्री हनुवान जी
रावण की लन्कापुरी पर अगर अपना पाउं रख देते
तो लन्कापुरी कहा चली जाती
कोई लंकापुरी नाम की
शायद नगरी ही न बसती धरती पर
पर श्री हन्मान जी है
कि वह
जामवन्त जी की
आज्या के अधीन
उनको श्री जामवन्त जी की
आज्या का पालन करना था
ऐसे नजाने कितने उदाहरन
श्री हन्मान जी के अतुलित बलके है
श्री हनुबान जी के पावन चरणों में हम सब प्रडाम करते हैं
श्री राम जे राम जे जे राम
श्री राम जे राम