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Sirf Ek Baar Dil Se
V.A
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
सिर्फ एक बार सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाई
आजार बार उठेंगे तजम खुदा की तरा
बस एक बार चले आओ मुस्तफा की तरफ
सिर्फ एक बार सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाई
कोई आजाए तलब से भी सिवा देते हैं
आए बीमार तो हर दुख की दावा देते हैं
संग मारे जो कोई उसको दुआ देते हैं
बश्मन आ जाए तो चादर भी बिछा देते हैं
सिर्फ एक बार सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाई
दुआ को बाबे असर से कुजार कर देखो दर नभी पे खुदा को पुकार कर देखो
खुदा गवाह पुदा के रसूल के ओसा शुमार हो नहीं सकते शुमार कर देखो
तुम उनसे दूर हो लेकिन वो तुमसे दूर नहीं
यकीन आए तो उनको पुकार कर देखो सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाई
तेरी खाके नकशे पाजबी से मैं लगाऊंगा सफीनाई हयात का मेना खुदा बनाऊंगा
चराग सोझ इशक से हयात जगमगाऊंगा तु झूम कर दूरूत पड़ भूजूर पर दूरूत पड़ मैं नात गुन गुनाऊंगा
सिर्फ एक बार सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाई सिर्फ एक बार सिर्फ एक बार
गुलाब रात रानी बेला हो के सुंब लो समर्
मलक खलक चमक दमक यी शमस और यी कमर
नभी के नूर से बने शजर हजर ये बहरो बर
बशर तो वो जुरूर है बशर तो वो जुरूर है मगर है सईयदुल बशर
सिर्फ एक बार सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाई सिर्फ एक बार सिर्फ एक बार
भगार बार उठेंगे कजम खुदा कि तरा बस एक बार चलने आओ में मिस्तफा की तरा
सिर्फ एक बार, सिर्फ एक बार दिल से मुस्तफा को तू पुकाओ
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V.A
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