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Suchi Subash Saras Anuraga
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
शुरूची सुबासे शरसे अनुरागा
अमी मूरी मैं चूरान चारू शमन शकल भव रुजे परिवारू
मंगल मूरी
मूल अमंगल दमनु सिवक सदर श्वामि आगमु
एक घणी आधी घणी आधी में कुमियाद
तुलशी संगति शाधुकी
आधी में कुमियाद
बार बार वन्दना हजार बार वन्दना मेरे गुरु तेव को करोड बार वन्दना
बार बार वन्दना हरोड बार वन्दना मेरे छामा देव को बार बार वन्दना
बार बार वन्दना हजार बार वन्दना
बार बार वन्दना हजार बार वन्दना

बार बार वन्दन आजार बार वन्दनाः सत्रिकुरु कबीर को बार बार वन्दनाः
बार बार वन्दनाः बोलिये कुरु भगवान की जाने
प्रमदं़नी
पुज्जिपात् सद्गुर्देवची
सदाचार्षंपन्र् शंत्वरंद्
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Artist
V.A
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