तेरे बिन मुझे क्यों मिलता नहीं है सुकून
आगों से बेदे हैं आजू जैसे बारिशो की हो बून दे
जाता हूँ जहां भी पस मेरी नज़े तुछे को ही डून दे
जाता हूँ तुछे और तेरी ही बातों से गर मेरा गून जै
ये क्या हुआ बैठा था तेरी ही राहों में
तो क्यों नहीं ही मेरी बाहों में
रहना था साथ तुमारे और खोना था सुल्फों की चाओ मैं
काफी उजाला सा था पहले तुखा भी हमारा सा था
जियूंगा कैसे मैं तेरे बिना
तू ही तो मेरा सहारा सा था
क्यूं
अभी भी आती है आती तुमारी
सीने में लगता है जैसे कुछ भारी
मिलने की कोशिश तूस से है जारी
मन हूं अभारी क्या करूं मने नहीं
मेरा मन मुझे तो चीना है
सिफ तेरे संद
तुझको खोया तो ऐसे मैं हरा हूँ जैसे हरा हूँ मैं बरसों की जंग
तुम क्यों मिलती नहीं मुझे बताते ऐसे ना मुझे को सजाते
करता हूँ याद तुझे सारी सारी रात
भीगी शाम और गम के नजारे
सहरा हाई दिल तरद इतने सारे
मेरी जान तु समझ तु जारा
कैसे जीउँगा मैं तेरी यादों के सहरे
क्यूं घेरी जिन्दगी से हमारे
तेरे बिन कैसे दिन हम कोजारे
मेरी जान तु समझ तु जारा
कैसे जीउँगा मैं तेरी यादों के सहरे
जीउँगा मैं तेरी यादों के सहरे
कैसे जीएंगा मैं तेरी यादों के सहारे
कैसे जीएंगा मैं तेरी यादों के सहारे
कैसे जीएंगा मैं तेरी यादों के सहारे