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Tune Mera Yaar Na Milaya
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
खुशामती गुलमिर्सा, बैठो
दिल बेजबान है और जबान के पास दिल नहीं
समझ नहीं आता कि सहबजादी आलंग के करम का शुक्रिया किस तरह अदा हो
ये जिक्र जाने दो गुलमिर्सा, हमें सुनाने के लिए क्या लाया है
नाकाम मुसलसल अश्कों की तस्बीह बना कर लाया हूँ
चंद अपने दिल के टुकडों को कागस पर सजा कर लाया हूँ
नाकाम अश्क और दिल के टुकडे बड़े दिलकश होते हैं शायद
जी हाँ, पर शर्ते के वो महभूब के सामने पेश हो सके
मुहबब में ये फैसला क्यों कर हुआ कि चाहने वाला कौन है और चहीता कौन है
खुदा को जब मुहबब की पाकीजा इबादत कराना होती है
तो वो एक ही रूः के दो हिस्से करके, दो मुखतलिफ चिस्मों में रख देता है
रूख के ये दोनों हिस्से एक दूसरे से मिलने के लिए दड़पते हैं
बेचैन होते हैं बेकरार होते हैं
इसी दड़ब का नाम महबत है
ये दड़ब उस वक्त खत नहीं होती
जब तक मौत रूख के इन दोनों हिस्सों को जिस्म की कैच से आजाद करके
कि फिर एक नगर सुभान अल्लाह यहीं मेरी आज की नजम का मौजू है हम तुम्हारी नजम सुनने के मुष्टाख हैं बहुत खूब
कि मेरी नजम का उन्हान है कि खुदाय से शिकायत दो हिस्सों में बटी हुई रूह का एक हिस्सा शायर की
जिसम में है शायर जो महब्बत की तड़प लिया हुए अपनी रूह के दूसरे हिस्से से मिलने के लिए बेचायन है
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V.A
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