शीरी
अपने भी उम्र से बड़े हैं मेरी अप्तो के सपने हर दिन हसल लग पड़े दूसरों के खड़चो पे मैंने जाना लफडो से कौन मेरे अपने थे कौल तेरे अच्छे गर चलेगा ने कर्मो पे बाप ने सिखाया चल रस्ते जो अच्छे
चलते अंगारों पेपर कोई भी तो जाने ना
लहरों के बीच में और सामने ना रासता
हर पल है छल यहां मिलेगी क्या मेरी मंजिल मुझको
किदर जा रहा लेके मुझको मेरा कारवा
सुबा को कोस ते रातों को चैन नहीं फैला है मुझपे ये कैसा नशा
कांदों पे बोज है नियत में खोटना इसलिए अभी तक हूँ दबाव
दरते हम कुछ से कब बदलेगी जिनगी मुझको नपता ये क्या हो रहा
कैसा ये दलदल है कैसा ये वक्त और कैसे मैं आके हूँ यहां फसा
चलते अंगारों पेपर कोई भी तो जाने ना
लहरों के बीच में और सामने ना रास्ता
हर पल है चल यहां मिलेगी क्या मेरी मंजिल मुझको
कीदर जा रहा लेके मुझको मेरा कारवा
हर पल हम सोचते खुद को हम कोशते क्यों है ऐसा मेरा खुदा
चलता सबर से मैं खुद को मना करके
खुद से है मैंने आप खुद को बुना
आखों में आसू ना अंदर से तूटे
हम हिलावटी है ये मेरी यदा
तूटे वो लोग है जिनको न खोजते
मतलब ही लोग जो भी यहाँ
जब भी मिलोगे मुझसे चेहरे पे कोई गम नहीं
जो भी या नकली है उनके लिए हम नहीं
असली हम लोग जो मौत तक साथ देते
तुझ में है तू साही गलत कुछ में हम नहीं
ये है वार गेम हर तरफ रेट जोन
दोर रहा जिनगी में जैसे मेराथोन
असली में चीज और ये सब टोन
When in trouble they never pick a phone
चलते अंगारों पेपर
कोई भी तो जाने ना
लहरों के बीच में
और सामने ना रासता
हर पल है चल यहां
मिलेगी क्या मेरी मंजिल मुझको
किदर जा रहा लेके
मुझको मेरा कारवा
आखों में सपने और पक्के इरादे
हैं सालों से लेके मैं जिन को चला
पैसों का सोर जो सच को भी मोर दे
अपने सहर में है अक्सर देखा
खुदा का नाम ले करते जो माम
ले कल को खुदा ने दी पक्की सजा
मिनत ये मेरी बस रहमा
तो तेरी बाने रहे मुझे बस मा की दुआ