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Utha Do Parda Dikha Do Chehra Ke Noor-e-Baari Hijaab Mein Hai
V.A
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Uploaded by86_15635588878_1671185229650
उठादो परदा दिखादो चेहरा
उठादो परदा दिखादो चेहरा के नूरे बारी हिजाब में है
उठादो परदा दिखादो चेहरा
के नूरे बारी हिजाब में है
जमाना तारीक हो रहा है
जमाना तारीक हो रहा है
के महरिक पर परदा दिखादो चेहरा
कब से ना खाब में है
उठादो परदा
जली जली भू से इसकी पैदा
है सोजशे इश्क चश्म वाला
कब से ना खाब में है
कबाब आहू में भी ना पाया
मजा जो दिल के कबाब में है
उठादो परदा
उनी की बोमा याए समर्है
उनी का जल्वा चमन चमन है
उनी से गुल्शन महक रहे है
उनी से गुल्शन महक रहे है
उने की रंगत गुलाब में है उठा दो परदा
सिया लिबासाने दारे दुनियां वो सब्जे पोषाने अर्शे आदा
हर एक है उनके करम का प्यासा
हर एक है उनके करम का प्यासा
ये पैज उनकी जनाब में है उठा दो परदा
करीम ऐसा मिला के जिसके खुले है
हात और भरे कजाने बताओ ऐ मुफलिसो के फिर क्यूं
बताओ ऐ मुफलिसो के फिर क्यूं
तुमारा दिल जितिराब में
है उठा दो परदा
करे है मुन्किर्न कीरिसर पर
ना कोई हामी ना कोई आवर
बतादो आकर
मेरे पयंभर
बतादो आकर
मेरे पयंभर
के सक्त मुशिकिल जवाब में है
है उठा दो परदा
गुना की
तरी कियाई चाई
उम्मण की काली
घटाई आई
कुदा के कुण्शिव
दुमहर फर्मा
कुदा के कुण्शिव
दुमहर फर्मा
के जर्रा बस जितिराब में है
उठा दो परदा
करीमो अपने
करंका सदेखा
लहीमो बे कदर
को न शर्ट
तू और रजा से हिसाब लेना रजा भी कोई हिसाब में है
उठादो परदा दिखादो चेहरा के नूरे बारी हिसाब में है
जमानता
तारीव के हो रहा है
के महरे कब से नाकाब में है
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V.A
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