ये दुनिया, ये महफिल, मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
किसको सुनाओ हाल दिले वेकरार का
बुझता हुआ चरावों अपने मजार का
एकाश भूल जाओं, मगर भूलता नहीं
किस धूम से उठा था जनाजा बहार का
ये दुनिया, ये महफिल, मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
किस धूम से उठा था जनाजा बहार का
एकाश भूल जाओं, मगर भूलता नहीं
किस धूम से उठा था जनाजा बहार का
उनको खुदा मिले है खुदा की जिने तलाश
मुझको बस एक जलक मेरे दिलदार की मिले
ये दुनिया, ये महफिल, मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
सहरा में आके भी मुझको ठिकाना ना मिला
गम को भुलाने का कोई बहाना ना मिला
दिल करसे जिसमें प्यार को क्या समझूं उस संसार को
एक जीती बाजी हार के मैं ढूंदूं
ये दुनिया, ये महफिल, मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
दूर निकाहों से आसु पहाता है कोई
कैसे न जाओं मैं, मुझे को बुलाता है कोई
या तूटे दिल को चोड़ दो, या सारे बंधन तोड़ दो
ए परबत रस्ता दे मुझे, ए काटो दामन चोड़ दो
ये दुनिया, ये महफिल
मेरे काम की नहीं
ये दुनिया, ये महफिल
मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
ये दुनिया, ये महफिल
मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
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