ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा ना खबराई
जहां तर महक है मेरे केसों की चले आई
ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा ना खबराई
जहां तर महक है मेरे केसों की चले आई
ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा ना खबराई
जहां तर महक है मेरे केसों की चले आई
देशों की चले आइए
सुन्नी तो जला जो हकीपत है कहते हैं हाँ
खुलते रुकते इन रंगी लाभों की पसंद
जल उठेंगे दियें जुगनूओं की तरह
जल उठेंगे दियें जुगनूओं की तरह
जीता बरसुम तो फर्माई है
हाँ
ये है रिश्मी जुल्फों का अंधेराना भबराई
जहां तक महक है मेरे के सुआकी चले आए
लालालालाला, लालालालाला, लालालालाला
त्यासी है नोजन, ये भी कहने की है पात चाप
मुंणखा महमा तो न ठेरे की रात क्या
रात जाए रहें आप दिल में मेरे रात जाए रहें आप दिल में मेरे अर्माँ बनके रह जाईए
ये है रेशमी जुल्पों का अंधेरा ना धब्राईए जहां से महक है मेरे केसु आके चले आईए