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Zara Zara (LoFi)
Bombay Jayashri
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
ज़रा ज़रा बहकता है बहकता है आज तो मेरा दंगन
मैं प्यासी हूँ मुझे भरने उपनी बाहों ये है तीरी कसंग मुझे को सनो दूर गई आजा ये दूरी पहती है आसमी लाजी
मैं बिनाओ मैं मिले रहा हूँ कि मैं करने कारण करने प्रमुखा भकर दें हूँ कि फल हुआ रहा है उपने मुर्ख टू और से आगर तो मैंने इतना भी आ कर दूर गए हुआ
इस जाहत की भारश में
मेरी बुली बुली लड़ों को सुल जाए
दो अपनी इंगलियों से
मैं तो हूँ इसी पाहिश में
सरदी की रातों में
हम सोए रहें के चादर भी
हम दो तनहा हो
ना कोई भी रहें
इस भर में जनाज
महकता ले
आज तो मेरा तू
मैं प्यासी हूँ
मुझे बर ले पूरी मां हूँ
तडबाएं मुझे तिरी सभी बातें
एक बार दिवणानें
तडबाएं मुझे तिरी सभी बातें
भूदाई सही यार तो कर
मैं नूली नई हसी उलागाते
बेचैन करके मुझे से यूदा आखेर नजर
रूटेगा ना मुझे से
मेरे साथिया ये वादा कर
मेरे बिना उश्किल है जीना मेरा मेरे ले
ज़रा जरा महखता है
महखता है आज तो मेरा तनोंगा
तप्यासी में मुझे बर दे
होंी माँ भी है
मेरी कसम कुछ कसम बर गया
आपमें
आजा लिए दूरी रहती है रस्ती आजा लिए आजा लिए आजा लिए
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Artist
Bombay Jayashri
Uploaded byThe Orchard
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