रुख पे बन के सवार उड़ता पिरूं यहां वहां
मैं आखें कैसे जपकूं एक खाब चुब रहा यहां
मेरे सीने में दफन है वो मेरा ही सचन है
हाँ तोड़ूंगा मैं ताले क्यों तनहा एक सफर है
ले उड़ चला हूं तेरी शाख से
मेरे लोट आने की उम्मीद न करें
ले उड़ चला हूं तेरी शाख से
मेरे लोट आने की उम्मीद न करें
हाँ तोड़ूंगा मैं ताले क्यों तनहा एक सचन है वो मेरा ही सचन है
कैसा तेरा है
मेरे लोट आने की उम्मीद न करें
मेरे लोट आने की उम्मीद न करें
मेरे लोट आने की उम्मीद न करें
मेरे लोट आने की उम्मीद न करें
मेरे लोट आने की उम्मीद न करें
मेरे लोट आने की उम्मीद न करें